गढ़ती रहेंगी दास्तान ये मोहब्बत हुस्न ओ जवानी की तर्ज़ पर – Hindi Shayari

👉 गढ़ती रहेंगी दास्तान ये मोहब्बत, हुस्न ओ जवानी की तर्ज़ पर⌊
⚡️ जब झुर्रियों में भी हो ग़ज़ल, तो समझ लेना बिंदास के इश्क़ हैं⌊

गढ़ती रहेंगी दास्तान ये मोहब्बत हुस्न ओ जवानी की तर्ज़ पर

☞ Gadhti Rahengi Dastan Ye Mohbbat, ♨︎
☞ Husn o Jawani Ki Tarj Par, ♨︎
☞ jab Jhurriyon me Bhi Ho Gazal to, ♨︎
☞ Samajh Lena Bindas Ke Ishq hain ♨︎

इस दुनिया में कई इंसान ऐसे हैं, जिनका प्रेम झुर्रियां आने के बाद भी यानि बुढ़ापे में भी रहता है साथ ही वो लोग बुढ़ापे में भी Romantic रहते हैं, उसी विषय पर यहाँ हिंदी शायरी Image के साथ दी गई है.