Saturn Facts – स्वागत है दोस्तो, आज हम अपने सौरमंडल (Solar System) के 6वें ग्रह शनि (Saturn) के बारे में जानेंगे, साथ ही इसके रोचक तथ्यों (Saturn Facts) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे
विषय-सूची
शनि ग्रह – Saturn Planet
शनि ग्रह (Saturn Planet) अपनी शानदार रिंग प्रणाली (ring system) के लिए जाना जाता है। शनि सूर्य से छठा ग्रह है और हमारे सौर मंडल में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति की तरह, शनि ग्रह गैस का विशालकाय ग्रह है। यह हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन सहित कैसी गैसों से बना है।
इस लेख में आपको शनि ग्रह (Saturn Planet) के ऐसे तथ्यों (Saturn Facts) के बारे में आपको जानकारी मिलेगी, जिसे आप नही जानते होंगे
शनि ग्रह के बारे में जानकारी – About Saturn Planet

अब हम Information about Saturn in Hindi के बारे में जानते हैं
शनि का इक्वेटोरियल व्यास (Saturn Equatorial Diameter) | 1,20,536 किमी |
शनि का ध्रुवीय व्यास (Saturn Polar Diameter) | 1,08,728 किमी |
शनि का द्रव्यमान (Saturn Mass) | 5.68×10^26 किग्रा (95 पृथ्वी) |
शनि की चंद्रमाएँ (Saturn Moons) | 82 (टाइटन, एनसेलाडस, इपेटस और रिया) |
शनि के छल्ले (Saturn Rings) | 30+ (7 समूह) |
शनि की कक्षा दूरी (Saturn Orbit Distance) | 14,26,666,422 किमी (9.58 AU) |
शनि की कक्षा अवधि (Saturn Orbit Period) | 10,756 दिन (29.5 वर्ष) |
शनि के सतह का तापमान (Saturn Surface Temperature) | -139 डिग्री सेल्सियस |
शनि ग्रह की खोज कब हुई (When was the planet Saturn discovered) | 8 वीं शताब्दी ई.पू. |
शनि ग्रह को किसने खोजा (Who discovered Saturn) | असीरियन (Assyrians) |
शनि ग्रह के रोचक तथ्य – Facts about Saturn in Hindi
- शनि सबसे दूर का ग्रह है, जिसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है : यह सौरमंडल की पांचवीं सबसे चमकीली वस्तु है और दूरबीन या एक छोटे दूरबीन के माध्यम से भी इसका आसानी से अध्ययन किया जा सकता है।
- बेबीलोन और सुदूर पूर्वी पर्यवेक्षक जैसे पूर्वज भी शनि के बारे में जानते थे : इसका नाम रोमन देवता सैटर्नस (Roman God Saturnus) के नाम पर रखा गया है। यूनानी इसे क्रोनस (Cronus) के नाम से जानते थे।
- शनि समतल ग्रह (Flattest Planet) है : इसका ध्रुवीय व्यास इसके भूमध्यरेखीय व्यास का 90% है, यह इसकी कम घनत्व और तेज रोटेशन के कारण है। शनि हर 10 घंटे और 34 मिनट में एक बार अपनी धुरी पर घूमता है यानी इसका दिन 10 घंटे 34 मिनट का होता है। सौर मंडल में यह दूसरा ग्रह है जिसका दिन सबसे छोटा होता है।
- शनि सूर्य की एक परिक्रमा पृथ्वी के 29.4 वर्ष में करता है : शनि सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में पृथ्वी के 29.4 वर्ष का समय लेता है। इसकी धीमी गति के कारण इसे प्राचीन असीरियनों (ancient Assyrians) ने लुबाडगुश (Lubadsagush) का उपनाम दिया था। इस नाम का अर्थ है “पुराने से भी पुराना”।
- शनि का ऊपरी वायुमंडल बादलों के समूह में विभाजित है : ऊपरी वायुमंडल की शीर्ष परतों में ज्यादातर अमोनिया बर्फ हैं। उनके नीचे, बादल हैं लेकिन वो भी बर्फ के बने हैं। उसके नीचे ठंडे हाइड्रोजन और सल्फर बर्फ के मिश्रण की परतें हैं।
- शनि में बृहस्पति की तरह अंडाकार आकार के तूफान हैं : इसके उत्तरी ध्रुव के आसपास के क्षेत्र में हेक्सागोनल आकार के बादलों हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि यह ऊपरी बादलों के लहर पैटर्न हो सकते हैं। ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर एक भंवर है, जो किसी तूफान की आंधी जैसा दिखता है।
- शनि का ज्यादातर हिस्सा हाइड्रोजन से बना है : ग्रह की कई परतों में हाइड्रोजन मौजूद है, जो इसे सघन बनाता है। आखिरकार इसकी गहराई में हाइड्रोजन धातु बन जाता है। शनि ग्रह का आंतरिक कोर गर्म है।
- सौरमंडल में शनि के सबसे ज़्यादा रिंग हैं : सैटर्नियन रिंग (Saturnian rings) ज्यादातर बर्फ के टुकड़े और छोटी मात्रा में कार्बोनेस धूल से बने होते हैं। यह छल्ले ग्रह से 1,20,700 किमी से अधिक दूर रहते हैं, लेकिन यह आश्चर्यजनक रूप से पतले होते हैं यानी केवल लगभग 20 मीटर मोटे छल्ले इस ग्रह पर होते हैं।
- शनि के 150 चंद्रमा और छोटे चंद्रमा हैं : शनि के सभी चंद्रमा बर्फ में जमी हुई दुनिया के हीं। इसके सबसे बड़े चन्द्रमा टाइटन (Titan) और रिया (Rhea) हैं। शनि का एन्सेलाडस (Enceladus) चंद्रमा अपनी जमी हुई सतह के कारण महासागर प्रतीत होता है।
- शनि का चंद्रमा टाइटन का वातावरण जटिल और घने नाइट्रोजन से बना है : शनि का चंद्रमा टाइटन (Titan) का ज्यादातर हिस्सा पानी की बर्फ और चट्टान से बना है। इसकी जमी हुई सतह में तरल मीथेन की झीलें हैं और जमे हुए नाइट्रोजन से ढंके हुए परिदृश्य हैं। वैज्ञानिक शनि के चंद्रमा टाइटन (Titan) को जीवन के लिए एक संभावित ग्रह मानते हैं, फिर भी इसमें अभी तक पृथ्वी जैसा जीवन नहीं है।
- अभी तक केवल चार अंतरिक्ष यान शनि पर गए हैं : पायनियर 11, वायेजर 1 और 2, और कैसिनी-ह्यूजेंस मिशन सभी ने ग्रह का अध्ययन किया है। कैसिनी ने जुलाई 2004 से सितंबर 2017 तक शनि की परिक्रमा की। कैसिनी ने शनि ग्रह, उसकी चंद्रमाओं और छल्लों के बारे में डेटा धरती पर वापस भेजा था।
- किसी भी अन्य ग्रह की तुलना में शनि में अधिक चंद्रमा हैं : 2019 में 20 नए चंद्रमाओं की खोज की गई थी। इस तरह अब शनि ग्रह में कुल 82 चंद्रमा हैं, जो बृहस्पति से 3 अधिक हैं।
शनि के छल्ले या वलय – Saturn’s Rings
हमारे सौर मंडल के सभी गैस वाले ग्रहों में से किसी में भी कोई भी रिंग नहीं है, लेकिन शनि के रिंग व्यापक या विशिष्ट है। शनि के रिंग्स की खोज गैलीलियो गैलीली ने 1610 में की थी। उन्होंने शनि के रिंग्स को दूरबीन से देखा था। रिंगों का पहला ‘नज़दीकी’ दृश्य पायनियर 11 अंतरिक्ष यान द्वारा अपने कैमरा में क़ैद किया गया था। जो की 1 सितंबर, 1971 को शनि की यात्रा के लिए धरती से रवाना हुआ था।
शनि के छल्ले अरबों कणों से बने होते हैं, जो छोटे धूल के दानों से लेकर पिंडों की तरह बड़े आकार के होते हैं। ये कण बर्फ और चट्टान के टुकड़ों से बने होते हैं। माना जाता है कि ये क्षुद्रग्रहों के धूमकेतु या चंद्रमाओं से भी आए हैं, जो ग्रह पर पहुंचने से पहले ही टूट गए थे।
शनि के वलय/रिंग्स 7 समूहों में विभाजित हैं, जिन्हें उनकी खोज के क्रम में वर्णक्रम के नाम पर रखा गया है (शनि से बाहर की ओर क्रमशः – D, C, B, A, F, G और E)। F रिंग को शनि के दो चंद्रमाओं, प्रोमेथियस और पेंडोरा के बीच है, इन्हें चरवाहा चंद्रमा (Shepherd Moons) कहा जाता है। अन्य उपग्रह (satellites) रिंगों में विभाजन बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
शनि का वायुमंडल – Saturn’s Atmosphere
शनि का वायुमंडल मुख्य रूप से हाइड्रोजन (96%) और हीलियम (3%) से बना है, लेकिन इसमें मीथेन, अमोनिया, एसिटिलीन, ईथेन, प्रोपेन और फॉस्फीन जैसे अन्य पदार्थों भी हैं। ऊपरी वायुमंडल में हवाएं 500 मीटर प्रति सेकंड की गति से चलती हैं, ये ग्रह के अंदरूनी हिस्से से उठती गर्मी के कारण संयुक्त रूप से पीले और सोने के बैंड का कारण बनते हैं।